युग बदलगया है, पर आज भी लोग अन्धबिश्वास को मानते हैं । और कभी-कभी ये साबित भी हुआ है की जो काम scince नहीं कर पाती है तभी लोगों की उमीद और बिश्वास कर दिखाती है । क्युंकी पेहले जमाने में बडे बडे हस्पताल नहीं हुआ करता था तो लोग इह्नी बिश्वास पर जिते थे ।
आज में कुछ यैसी ही अनोखी कहानी, मेरी मतलब अन्धबिश्वास से जुडा हुआ एक कहानी सुनाने जा रही हुं । इसमें में कोई खेयालात नहीं डाल रही हुं, पेहले जो हुआ करता था उसको लेकर कुछ दिखाने की कोसीस कर रही हुं ।
प्यार कैसा भी हो पर जो प्यार करता है उसे हर छोटी सी छोटी बात याद रेहती है । चाहे वो अच्छा हो या बुरा । प्यार को कभी भुला नहीं जा सकता ।
हाँ कुछ लोग प्यार में धोखा जरुर देते हैं, मगर उसके साथ बिताया हुआ वो हसीन लमहा को हम याद करके खुस हो जाते हैं । कोई सुरू से बुरा नहीं होता है । कुछ पाने का लालच उसे बुरा बना देता है । तब वो बहत बडी गलती कर बैठती है । चलो अब काहानी लिखते हैं । बाते तो होती रहेगी ।
बिलासपुर नाम का एक गावँ हुआ करता था । वहां लोग करीब 30 घर होगें । छोटा सा गावँ है, मगर लोगों के बिच में प्यार ज्यादा दिख रहा था । वहां के लोग बहत पुराने खेयालात् के थे । लेकिन उनके मुखीया को सब मानते थे । कोई भी लढाई- झगडा हो वो आपस में सुलझा लेते थे । सायद आजतक गावँ का कोई भी case मुखीया से पार हो कर नहीं गयी है थानेपे । बडा नाम था उनका और होगा भी कैसे नहीं ? वो लोग के हिसाब से बहत अच्छे थे । सबको अपना परीबार की तरहा मानते थे । किसीका कोई भी मुसीबत् हो मुखीया जी हमेशा साथ में खडे होते थे ।
उसी गावँ का एक बुढा निधिराम स्वाईं बहत गरीब था । एक लेडका और उसकी पत्नी और वो मिलके घर में रेहते हैं । जिबीका कुछ अच्छा नहीं था फिर भी पेट पालने केलिए कोई भी काम कर लेता था । एक दीन वो कामपे गया था तो वहीं पर किसीने खबर दी की उनका लेडका को कोई बिमारी हुई है जो कम् होने का नाम नहीं ले रहा है । वो खबर सुनते ही भागते भागते अपना घर
गया ।
देखा उसका लेडका निचे जमीन पर लेटा है और पत्नी पास बैठ के रो रही है । पत्नी को पुछा तो पत्नी ने जबाब दिया कबीराज आये थे देखकर गये हैं । बोलते हैं की कोई बडा रोग हुआ है हस्पताल लेना पडेगा । वो बोलता है तो लेगें ना हस्पताल, तु फिकर क्युं करती
है ? पत्नी बोलती है बहत पैसा खर्च होगा । काहाँसे लायेगें इतने सारे पैसे ? वो बोलता है लायेगें, मुखीया है ना वो जरूर मदद करेगें हमारे ।
तभी अचानक मुखीया अन्दर आते हैं और बोलते हैं तु तेरा लेडका को हस्पताल ले चल पैसे की फिकर मत कर् । निधिराम मुखीया के पैर पडती है और बोलता है आप महान हो । मुखिया बोले तु ज्यादा देर मत कर जल्दी से हस्पताल ले जा में तेरे पिछे आ रहा हुं । मुखीया जी गाडी मगंबा दिये । निधिराम और उसकी पत्नी लेडका को लेकर हस्पताल गये ।
To be continue..........